sikh places, gurudwara

Manish Kumar

लखनऊ गुरुद्वारा गुरु तेगबहादुर साहिब

लखनऊ गुरुद्वारा गुरु तेगबहादुर साहिब लखनऊ गुरुद्वारा गुरु तेगबहादुर साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – लखनऊ का गुरुद्वारा इतिहास उत्तर प्रदेश की की राजधानी लखनऊ के जिला मुख्यालय से 4 किलोमीटर की दूरी पर यहियागंज के बाजार में स्थापित नाका गुरुद्वारा नाका गुरुद्वारा – गुरुद्वारा सिंह सभा नाका हिण्डोला लखनऊ हिस्ट्री इन हिन्दी नाका गुरुद्वारा, यह […]

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गुरुद्वारा गुरु का ताल -आगरा

गुरुद्वारा गुरु का ताल आगरा गुरु का ताल एक ऐतिहासिक सिख तीर्थ स्थान है जो नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहुदर जी की स्मृति को समर्पित है। गुरु का ताल आगरा में सिकंदरा के पास है। गुरुद्वारा उस स्थान पर बनाया गया था जहां गुरु तेग बहादुर ने मुगल सम्राट औरंगजेब को स्वैच्छिक गिरफ्तारी की

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तख्त श्री केसगढ़ साहिब

तख्त श्री केसगढ़ साहिब बल¨वदर ¨सह लोदीपुर, आनंदपुर साहिब : श्री आनंदपुर साहिब का सबसे महत्वपूर्ण स्थान तख्त श्री केसगढ़ साहिब सिख धर्म के पांच तख्तों में से एक है। यहां गुरु साहिब का एक किला भी था। 13 अप्रैल 1699 में सिखों के दसवें गुरू गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की।

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गुरुद्वारा हट्ट साहिब सुल्तानपुर लोधी -कपूरथला पंजाब

गुरुद्वारा हट्ट साहिब सुल्तानपुर लोधी -कपूरथला पंजाब गुरु नानकदेव जी ने बड़े विवेक तथा ईमानदारी के साथ मोदीखाने (भंडार गृह ) का प्रबंध किया। गुरु जी से पहले के मोदीखाने के इंचार्ज धोखा तथा हेराफेरी करके गरीबों का हक मार कर खुद बहुत अमीर बन गये थे। परंतु गुरु नानक देव जी हमेशा ग्राहकों को

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नाड़ा साहिब गुरूद्वारा पंचकूला- हरियाणा

नाडा साहिब गुरुद्वारा पंचकुला हरियाणा नाडा साहिब गुरुद्वारा की स्थापना 1746 में पटियाला के राजा द्वारा की गई थी। नाडा साहिब रूबानागुरु गोबिंद सिंह के भक्त थे. गुरु गोबिंद सिंह ने उन्हें आशीर्वाद दिया और कहा कि यह स्थान भविष्य में नाडा साहिब के नाम से जाना जाएगा।गुरुद्वारे का मुख्य दरबार साहिब 100×60 लंबा और

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गुरुद्वारा पातालपुरी साहिब

गुरुद्वारा पातालपुरी साहिब 1644 में गुरु हरगोबिंद और 1661 में गुरु हर राय का अंतिम संस्कार यहां किया गया था। गुरु हरकृष्ण की अस्थियां दिल्ली से लाई गईं और 1664 में यहां विसर्जित की गईं। गुरुद्वारा 1 किमी वर्ग से अधिक की भूमि के एक बड़े भूखंड में स्थित है और पास में स्थित एक

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गुरुद्वारा पिपली साहिब

गुरुद्वारा पिपली साहिब सन् 1586 मे भाई गुरदास जी जो गुरु अर्जुन देव के मामा थे। आगरा आदि के क्षेत्रों में प्रचार करते हुए लौटकर आए, तो अपने गुरु परिवार की स्थिति संबंधी सारी बातचीत बाबा बुड्ढा जी तथा बाबा प्रिथीचंद के साथ करके श्री हरमंदिर साहिब की सेवा अपने जिम्मे ले ली। श्री गुरु

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चरण कंवल साहिब -माछीवाड़ा

चरण कंवल साहिब -माछीवाड़ा गुरूद्वारा चरण कंवल साहिब माछीवाड़ा का स्थान वो पवित्र स्थान है। जहाँ सिख धर्म के दसवें गुरू, श्री गुरू गोबिंद सिंह जी महाराज चमकौर के ऐतिहासिक युद्ध के समय अपने दोनो पुत्रों और कुछ सिखों की शहादत के बाद पांच प्यारो के हुक्मों को मानते हुए, चमकौर की किले को छोड़कर

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नानकसर कलेरा जगराओं साहिब

नानकसर कलेरा जगराओं साहिब यहां भक्त बाबा नंद सिंह जी महाराज ने इस स्थान पर कई वर्षों तक तपस्या की थी। बाबा नंद सिंह जी महाराज, गुरू श्री नानक देव जी के अनन्य और परम भक्त थे। श्री बाबा नंद सिंह जी महाराज ने इसी स्थान पर गुरू ग्रंथ साहिब के माध्यम से श्री गुरू

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गुरुद्वारा बिलासपुर साहिब

गुरुद्वारा बिलासपुर साहिब गुरुद्वारा बिलासपुर साहिब हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर शहर मे स्थित है बिलासपुर, कीरतपुर साहिब से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कभी यह कहिलूर रियासत की राजधानी थी। अक्टूबर 1611 में श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी ने यहां के राजा कलियाणा चंद और कुंवर तारा चंद को ग्वालियर के किले

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