गुरुद्वारा भट्ठा साहिब
गुरुद्वारा भट्ठा साहिब एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल है, जो रूपनगर-चंडीगढ़ मार्ग पर कोटला निहंग गांव में स्थित है। यह रूपनगर रेलवे स्टेशन से 3 किलोमीटर और आनंदपुर साहिब से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह चंडीगढ़ को कुल्लू और कांगड़ा घाटी से जोड़ने वाले मुख्य राजमार्ग पर स्थित होने के कारण आसानी से पहुँचा जा सकता है।
यह गुरुद्वारा दसवें पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की स्मृति को समर्पित है। ऐतिहासिक विवरणों के अनुसार, जब गुरु जी इस क्षेत्र में आए, तो उन्होंने एक भट्ठी (ईंटों के भट्ठे) के पास ठहरने के लिए स्थान मांगा। यहाँ के मजदूर, जो गुरु जी की पहचान नहीं जानते थे, उन्होंने मज़ाक में जलती हुई भट्ठी की ओर संकेत किया। जैसे ही गुरु जी के घोड़े का पैर उस भट्ठी पर पड़ा, वह तुरंत ठंडी हो गई। यह चमत्कारी दृश्य देखकर, उस समय के स्थानीय पठान मुखिया चौधरी निहंग खान, जो गुरु जी के भक्त थे, तुरंत वहाँ पहुँचे और श्रद्धा भाव से गुरु जी का सम्मान किया। उन्होंने अपने किले में गुरु जी और उनके संगतों की पूरी आत्मीयता से सेवा की, भले ही इससे उनके जीवन को खतरा हो सकता था।
गुरु गोबिंद सिंह जी ने गुरुद्वारा भट्ठा साहिब के दर्शन कुल चार बार किए। पहली बार 1745 विक्रमी में, जब गुरु जी भंगाणी की लड़ाई जीतकर आनंदपुर साहिब लौटे। दूसरी बार 1752 विक्रमी में, जब उन्होंने निहंग खान के पुत्र आलम खान के सगाई समारोह में भाग लिया। तीसरी बार 1759 विक्रमी में, जब गुरु जी कुरुक्षेत्र से लौट रहे थे। चौथी और अंतिम बार 1761 विक्रमी में, जब गुरु जी ने हमेशा के लिए आनंदपुर साहिब छोड़ दिया, तब वे यहाँ आए।
यह गुरुद्वारा सतलुज नदी के बाईं ओर स्थित है, जहाँ भारतीय पुरातत्व विभाग ने प्राचीन हड़प्पा सभ्यता के अवशेष खोजे हैं। यहाँ के निकट ही एक पर्यटक बंगला भी स्थित है, जो भाखड़ा नंगल, कुल्लू घाटी और आनंदपुर साहिब जाने वाले यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण विश्राम स्थल है।
गुरुद्वारा भट्ठा साहिब में कई बड़े धार्मिक आयोजन होते हैं। गुरु नानक देव जी, गुरु अर्जन देव जी और गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व यहाँ भव्य श्रद्धा के साथ मनाए जाते हैं। प्रत्येक माह संक्रांति के अवसर पर अमृत संचार का आयोजन किया जाता है। 1 से 4 पौष तक बड़ा जोड़ मेला लगता है, और 11 पौष को बाबा जीवन सिंह जी की वर्षी मनाई जाती है।
गुरुद्वारा भट्ठा साहिब पूरी दुनिया से आने वाले सिख श्रद्धालुओं के लिए एक आस्था और ऐतिहासिक महत्व का स्थल है, जो सिख इतिहास, भक्ति और चमत्कारी घटनाओं का प्रतीक बनकर उभरता है।
गुरुद्वारा भट्ठा साहिब, रूपनगर (रोपड़) तक पहुंचने के लिए आप निम्नलिखित परिवहन विकल्पों पर विचार कर सकते हैं:
कार या टैक्सी द्वारा: यदि आप कार या टैक्सी से यात्रा कर रहे हैं, तो आप गूगल मैप्स जैसे नेविगेशन ऐप्स का उपयोग करके गुरुद्वारा भट्ठा साहिब तक पहुंच सकते हैं। बस गंतव्य का पता डालें और सबसे सटीक मार्ग निर्देश प्राप्त करें।
बस द्वारा: रोपड़ से गुजरने वाले स्थानीय बस मार्गों की तलाश करें। एक बार जब आप रोपड़ पहुंच जाते हैं, तो आप बस अड्डे या स्थानीय परिवहन विकल्पों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जो आपको गुरुद्वारा भट्ठा साहिब तक ले जा सकते हैं।
ट्रेन द्वारा: रोपड़ का मुख्य रेलवे स्टेशन, रोपड़ रेलवे स्टेशन है। निकटतम रेलवे स्टेशन की जानकारी प्राप्त करें और वहां से टैक्सी या अन्य स्थानीय परिवहन विकल्प लेकर गुरुद्वारा भट्ठा साहिब पहुंच सकते हैं।
हवाई मार्ग द्वारा: यदि आप किसी दूरस्थ स्थान से यात्रा कर रहे हैं, तो चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक उड़ान भर सकते हैं। वहां से आप टैक्सी किराए पर लेकर या अन्य जमीनी परिवहन विकल्पों का उपयोग करके रोपड़ पहुंच सकते हैं और फिर गुरुद्वारा भट्ठा साहिब के लिए आगे बढ़ सकते हैं।
रोपड़ पहुंचने के बाद, आप स्थानीय लोगों से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं या नेविगेशन सहायता का उपयोग करके गुरुद्वारा भट्ठा साहिब का सही स्थान खोज सकते हैं।
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