गुरुद्वारा साधु बेला, सुक्कुर
गुरुद्वारा साधु बेला एक प्रतिष्ठित सिख धार्मिक स्थल है, जो पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रोहरी और सुक्कुर शहरों के बीच सिंधु नदी के एक द्वीप पर स्थित है। यह पवित्र स्थान केवल नाव के माध्यम से ही पहुँचा जा सकता है, जो श्रद्धालुओं को सीधे मुख्य प्रवेश द्वार तक ले जाती है। रोहरी पुल पार करने के बाद नदी के किनारे सुक्कुर की ओर जाने वाली सड़क से बाईं ओर पेड़ों के झुरमुट के बीच यह पवित्र स्थल दिखाई देने लगता है।
इस स्थान का विशेष आध्यात्मिक महत्व है क्योंकि माना जाता है कि अपनी यात्राओं के दौरान श्री गुरु नानक देव जी यहाँ ठहरे थे और उन्होंने स्थानीय साधुओं को धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी थी। द्वीप पर स्थित सफेद संगमरमर से बना भव्य भवन, जिसे धर्म मंदिर कहा जाता है, इस स्थल की शांति और सौंदर्य को और बढ़ाता है। यह भवन उस पवित्र स्थान के रूप में माना जाता है जहाँ गुरु नानक देव जी ने उपदेश दिए थे।
मुख्य गुरुद्वारे के अतिरिक्त इस द्वीप पर उदासी साधुओं के कई मंदिर और समाधियाँ भी स्थित हैं, जो यहाँ कभी विद्यमान रही आध्यात्मिक विविधता को दर्शाती हैं। गुरुद्वारे से लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर एक पुस्तकालय भी परिसर का हिस्सा है। विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि भवन के सामने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के श्री राग (महला 1, घर 1) का एक शबद उत्कीर्ण है, जो इस पवित्र स्थल की शाश्वत आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है।
गुरुद्वारा साधु बेला, सुक्कुर तक पहुँचने के लिए निम्नलिखित विकल्प उपलब्ध हैं:
कार द्वारा: सिंध प्रांत के सुक्कुर शहर तक वाहन से जाएँ। रोहरी ब्रिज पार करने के बाद सुक्कुर की ओर नदी के किनारे बनी सड़क लें। इसी मार्ग से गुरुद्वारा दिखाई देने लगता है।
रेल द्वारा: सुक्कुर में एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है, जहाँ कराची, लाहौर और अन्य शहरों से ट्रेनें आती हैं। स्टेशन से रोहरी ब्रिज के पास नदी किनारे तक टैक्सी या रिक्शा लिया जा सकता है।
बस द्वारा: सुक्कुर सिंध और पंजाब के विभिन्न शहरों से बस सेवाओं द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। सुक्कुर पहुँचने के बाद साधु बेला के पास नदी किनारे तक स्थानीय परिवहन लिया जा सकता है।
हवाई मार्ग से: सबसे निकट हवाई अड्डा सुक्कुर एयरपोर्ट है, जो स्थल से लगभग 8 किलोमीटर दूर है। एयरपोर्ट से नदी किनारे तक टैक्सी आसानी से उपलब्ध होती है।
नोट: गुरुद्वारा साधु बेला सिंधु नदी के एक द्वीप पर स्थित है और यहाँ केवल नाव द्वारा ही पहुँचा जा सकता है। नदी किनारे सड़क के पास से नावें उपलब्ध होती हैं, जो श्रद्धालुओं को सीधे गुरुद्वारे के मुख्य द्वार तक पहुँचाती हैं।
भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान की यात्रा के लिए स्पष्ट रूप से तीर्थयात्रा उद्देश्य का उल्लेख किया हुआ वीज़ा प्राप्त करना आवश्यक है। यात्रा की योजना बनाने से पहले संबंधित पाकिस्तानी अधिकारियों से नवीनतम जानकारी अवश्य प्राप्त करें।


