गुरुद्वारा छेवीं पातशाही, नराली
नराली गाँव तहसील गुजर खान की पुलिस स्टेशन जाटली के अंतर्गत रावलपिंडी ज़िले में स्थित है। यह गाँव दौलताला रेलवे स्टेशन से लगभग छह मील दक्षिण-पश्चिम में है। गुजर खान से पक्की सड़क द्वारा यहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता है और मंडरा से दौलताला होते हुए भी इस गाँव तक जाया जा सकता है। इसी गाँव में गुरुद्वारा श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी स्थित है, जो छठे गुरु से संबंधित एक पवित्र स्थल है।
गुरु हरगोबिंद साहिब जी ने मंसेहरा से यात्रा करते समय यहाँ निवास किया था। यह प्रवास भाई हरबंस सिंह जी के पिता की गहरी श्रद्धा और भक्ति के कारण हुआ, जो गुरु जी के समर्पित सिख थे। प्रारंभ में इस स्थान को टापा हरबंस जी के नाम से जाना जाता था, लेकिन समय के साथ यह गुरुद्वारा छेवीं पातशाही के रूप में प्रसिद्ध हो गया।
इस गुरुद्वारे में पहले एक भव्य बरामदा और उसके पास एक बड़ा सरोवर हुआ करता था। इस सरोवर का नवीनीकरण 15 हर संवत 1986 (1 जुलाई 1929 ईस्वी) को सर्वे विभाग के सहायक अधीक्षक सरदार हरनाम सिंह द्वारा कराया गया था। सरोवर के पूर्वी कोने में आज भी एक विशाल बरगद का पेड़ खड़ा है, जो उसी काल का माना जाता है। इसी वृक्ष के नीचे भाई हरबंस सिंह की समाधि स्थित है, जिसे एक छोटे मंदिर के रूप में बनाया गया था।
बाद के वर्षों में सरोवर सूख गया और बरामदे के साथ बनी कमरों में दुकानें स्थापित हो गईं। वर्तमान समय में एक कश्मीरी परिवार गुरुद्वारा साहिब के भीतर निवास करता है। इसके बावजूद यह स्थान आज भी अपने गहरे ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व को बनाए हुए है।
गुरुद्वारा छेवीं पातशाही साहिब तक पहुँचने के लिए विभिन्न यात्रा विकल्प उपलब्ध हैं:
सड़क मार्ग से: नराली गाँव गुजर खान से पक्की सड़क द्वारा जुड़ा हुआ है। मंडरा से दौलताला होते हुए भी यहाँ पहुँचा जा सकता है। स्थानीय बसें, टैक्सी और निजी वाहन आम तौर पर इस गाँव तक पहुँचने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
रेल मार्ग से: निकटतम रेलवे स्टेशन दौलताला है, जो लगभग छह मील की दूरी पर स्थित है। स्टेशन से नराली गाँव तक पहुँचने के लिए स्थानीय परिवहन सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
हवाई मार्ग से: सबसे निकटतम प्रमुख हवाई अड्डा इस्लामाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो लगभग 65 किलोमीटर दूर है। हवाई अड्डे से गुजर खान और आगे नराली तक पहुँचने के लिए टैक्सी या किराये की गाड़ी ली जा सकती है।
नोट: चूँकि यह गुरुद्वारा अब पूरी तरह संरक्षित अवस्था में मौजूद नहीं है और उचित दिशा-सूचक संकेत भी उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए सही मार्गदर्शन के लिए स्थानीय निवासियों या क्षेत्र से परिचित मार्गदर्शकों से सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है। पाकिस्तान के बाहर से आने वाले यात्रियों को यात्रा और वीज़ा संबंधी आवश्यकताओं की पहले से जाँच करने की सलाह दी जाती है।
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