गुरुद्वारा पहली पातशाही, लाहौर

गुरुद्वारा पहली पातशाही, लाहौर एक श्रद्धेय ऐतिहासिक स्थल है, जो दिल्ली दरवाज़ा के ठीक भीतर, पुरानी कोतवाली चौक के पास, सिरियांवाला बाज़ार में स्थित है। लाहौर की चारदीवारी के सभी दरवाज़े अंततः इस महत्वपूर्ण स्थान की ओर जाते हैं।

सन् 1510 ईस्वी (1567 विक्रम संवत) में गुरु नानक देव जी ने अपने एक भक्त भाई दूनी चंद के घर पधारकर दर्शन दिए। उस समय दूनी चंद अपने पिता के निमित्त श्राद्ध कर्म कर रहे थे।

गुरु नानक देव जी ने ऐसे अंधविश्वासी और दिखावटी कर्मकांडों की निरर्थकता समझाई और यह उपदेश दिया कि सच्चा धर्म मानव सेवा, दान और भूखों को भोजन कराने में है। गुरु जी के वचनों से अत्यंत प्रभावित होकर दूनी चंद ने तुरंत श्राद्ध कर्म त्याग दिया और अपने घर को धर्मशाला में परिवर्तित कर दिया। यह स्थान गुरु नानक देव जी की चरण धूल से पवित्र होकर ‘धर्मशाला सतगुरु नानक देव जी’ के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

इस क्षेत्र का नाम सिरियांवाला बाज़ार पड़ा क्योंकि प्राचीन समय में यहाँ बकरे के सिर (सिरियां) बेचे जाते थे। लंबे समय तक इस गुरुद्वारे का प्रबंधन महंतों के अधीन रहा। वर्ष 1920 में स्थानीय सिखों ने एक समिति बनाकर इसका प्रबंधन संभाला। इसके बाद 1927 में गुरुद्वारा अधिनियम के अंतर्गत शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने इसका औपचारिक नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। यह व्यवस्था 1947 में भारत के विभाजन तक जारी रही।

गुरुद्वारा पहली पातशाही, लाहौर तक पहुँचने के लिए नीचे दिए गए विकल्प उपलब्ध हैं:

सड़क मार्ग से: यह गुरुद्वारा लाहौर की चारदीवारी में दिल्ली दरवाज़ा के पास स्थित है। आप सर्कुलर रोड या अकबरी मंडी रोड से होते हुए दिल्ली गेट से प्रवेश कर सकते हैं। बाज़ार क्षेत्र होने के कारण पार्किंग सीमित हो सकती है, इसलिए बेहतर है कि पास में वाहन खड़ा करके पैदल जाएँ।

रेल मार्ग से: लाहौर जंक्शन रेलवे स्टेशन निकटतम प्रमुख रेलवे स्टेशन है, जो गुरुद्वारे से लगभग 3.5 किमी दूर स्थित है। स्टेशन से आप रिक्शा या टैक्सी द्वारा सर्कुलर रोड और दिल्ली गेट के रास्ते गुरुद्वारे तक पहुँच सकते हैं।

बस मार्ग से: लाहौर शहर में चलने वाली स्थानीय बसें और वैगन दिल्ली गेट के पास से गुजरती हैं। नज़दीकी स्टॉप पर उतरकर सिरियांवाला बाज़ार की ओर थोड़ी दूरी पैदल चलना होता है।

हवाई मार्ग से: निकटतम हवाई अड्डा अल्लामा इक़बाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो गुरुद्वारे से लगभग 15 किमी दूर है। हवाई अड्डे से टैक्सी और राइड-हेलिंग सेवाएँ सीधे गुरुद्वारे तक उपलब्ध हैं।

यात्रा से पहले अपने स्थान के अनुसार परिवहन समय-सारिणी और उपलब्धता की जाँच करना उचित है। भारतीय नागरिकों के लिए पाकिस्तान का वीज़ा आवश्यक है, जिसमें तीर्थ यात्रा का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए। यात्रा की योजना बनाते समय पाकिस्तानी अधिकारियों से नवीनतम दिशा-निर्देश अवश्य जाँच लें।

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