गुरुद्वारा छेवीं पातशाही, बज़ुर्गवाल

गुजरात–भिम्बर मार्ग पर स्थित बज़ुर्गवाल गांव, गुजरात से लगभग 24 किलोमीटर दूर है। यह स्थान सिख परंपरा में विशेष ऐतिहासिक महत्व रखता है, क्योंकि यहीं गुरुद्वारा छेवीं पातशाही स्थित है। कहा जाता है कि कश्मीर से लौटते समय गुरु हरगोबिंद साहिब जी ने यहां कुछ समय के लिए विश्राम किया था, जिससे यह क्षेत्र आध्यात्मिक रूप से धन्य हुआ। निकटतम रेलवे स्टेशन और तहसील मुख्यालय लाला मूसा है, जहां से यह गांव सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।

प्राचीन समय में बज़ुर्गवाल में गुरु साहिब की यात्रा की स्मृति में तीन गुरुद्वारे स्थापित थे। समय के साथ इनमें से कोई भी संरचना सुरक्षित नहीं रह सकी। दो गुरुद्वारे पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं, जबकि तीसरे के केवल धुंधले से वास्तुशिल्प अवशेष ही बचे हैं। ये अवशेष इतने अस्पष्ट हैं कि स्थान से परिचित व्यक्ति की सहायता के बिना इन्हें पहचानना कठिन है। आज यह स्थल बिना किसी चिन्ह के उपेक्षित अवस्था में है और इसके संरक्षण के लिए कोई आधिकारिक प्रयास नहीं किए जा रहे हैं, जिससे सिख विरासत का यह महत्वपूर्ण हिस्सा धीरे-धीरे लुप्त होता जा रहा है।

बज़ुर्गवाल में स्थित गुरुद्वारा छेवीं पातशाही के दर्शन के लिए आपकी सुविधा और प्रस्थान स्थान के अनुसार कई यात्रा विकल्प उपलब्ध हैं। हालांकि यह ध्यान रखना आवश्यक है कि गुरुद्वारे का कोई स्पष्ट चिन्हित या सटीक स्थान नहीं है, क्योंकि यहां केवल धुंधले अवशेष ही शेष हैं और स्थानीय मार्गदर्शन के बिना इस स्थान को पहचानना कठिन है।

सड़क मार्ग से: बज़ुर्गवाल गांव गुजरात–भिम्बर मार्ग पर स्थित है और गुजरात शहर से लगभग 24 किलोमीटर दूर है। यहां तक गुजरात या आसपास के शहरों से निजी वाहन या स्थानीय टैक्सी के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

रेल मार्ग से: निकटतम रेलवे स्टेशन लाला मूसा है, जो तहसील मुख्यालय भी है। लाला मूसा से बज़ुर्गवाल गांव सड़क मार्ग द्वारा स्थानीय परिवहन या किराये के वाहन से पहुंचा जा सकता है।

वायु मार्ग से: निकटतम प्रमुख हवाई अड्डा लाहौर स्थित अल्लामा इक़बाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो बज़ुर्गवाल से लगभग 160 किलोमीटर दूर है। हवाई अड्डे से पहले गुजरात तक रेल या सड़क मार्ग से यात्रा की जा सकती है, इसके बाद बज़ुर्गवाल के लिए आगे बढ़ा जा सकता है।

नोट: चूंकि गुरुद्वारा अब पूर्ण रूप से संरक्षित अवस्था में मौजूद नहीं है और वहां उचित संकेतक भी उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए सही मार्गदर्शन के लिए स्थानीय निवासियों या क्षेत्र से परिचित व्यक्तियों से जानकारी लेना अत्यंत आवश्यक है। पाकिस्तान के बाहर से आने वाले यात्रियों को यात्रा और वीज़ा संबंधी आवश्यकताओं की पूर्व जांच करने की सलाह दी जाती है।