गुरुद्वारा साहिब, दफ्तु जिला- कसूर

ऐतिहासिक नगर ललियानी लाहौर–फिरोजपुर मार्ग पर स्थित है। ललियानी से लगभग चार किलोमीटर की दूरी पर दफ्तू नामक एक प्रसिद्ध गांव स्थित है। गांव के भीतर स्थित गुरुद्वारा साहिब की सुंदर इमारत दूर से ही दिखाई देती है। कहा जाता है कि यह वही गुरुद्वारा है जहाँ बाबा बुल्ले शाह ने उस समय शरण ली थी, जब पंडोकी गांव के चौधरियों (नेताओं) ने उन्हें गांव से निष्कासित कर दिया था। यह एक बहुत बड़ा, किले जैसी संरचना वाला गुरुद्वारा है। माना जाता है कि प्रसिद्ध सरदारनी बीबी ईशर कौर ने इस गुरुद्वारे को 80 स्क्वायर भूमि दान में दी थी। बीबी ईशर कौर का घर इसी गांव में स्थित है, जिसे स्थानीय लोग ‘ईशेरो-दे-महल’ (ईशेरो का महल) के नाम से जानते हैं, जो धीरे-धीरे मिट्टी का ढेर बनता जा रहा है।

गुरुद्वारा साहिब, दफ्तू तक पहुँचने के लिए नीचे दिए गए विकल्प उपलब्ध हैं:

दफ्तू गांव: दफ्तू गांव लाहौर–फिरोजपुर रोड पर स्थित ललियानी से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर है।

कार या टैक्सी द्वारा: लाहौर से लाहौर–फिरोजपुर रोड पर ललियानी की ओर यात्रा करें। ललियानी पहुँचने के बाद दफ्तू गांव की ओर जाने वाली स्थानीय सड़क लें। सटीक मार्ग के लिए GPS या मैप में “Gurudwara Sahib, Daftu, Kasur” दर्ज किया जा सकता है।

रेल द्वारा: सबसे निकट प्रमुख रेलवे स्टेशन कसूर रेलवे स्टेशन है। कसूर से दफ्तू गांव लगभग 20 किलोमीटर दूर है। स्टेशन से टैक्सी या स्थानीय परिवहन के माध्यम से दफ्तू पहुँचा जा सकता है।

बस द्वारा: लाहौर से कसूर के लिए अंतर-शहरी बसें उपलब्ध हैं। कसूर से पहले ललियानी तक स्थानीय बस या टैक्सी लें, इसके बाद दफ्तू गांव पहुँचा जा सकता है।

हवाई मार्ग से: सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा लाहौर स्थित अल्लामा इक़बाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (LHE) है। हवाई अड्डे से टैक्सी या राइड-शेयरिंग सेवा लेकर ललियानी के रास्ते दफ्तू गांव पहुँचा जा सकता है।

महत्वपूर्ण सूचना: दफ्तू स्थित गुरुद्वारा साहिब वर्तमान में बंद है। यहाँ प्रवेश की अनुमति नहीं है और यह स्थल सक्रिय रूप से तीर्थयात्रा के लिए प्रबंधित नहीं है। यात्रा की योजना बनाने से पहले स्थानीय प्रशासन या विरासत संगठनों से नवीन जानकारी और अनुमति अवश्य प्राप्त करें।

वीज़ा संबंधी जानकारी: भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान यात्रा के लिए तीर्थयात्रा उद्देश्य स्पष्ट रूप से दर्शाता हुआ पाकिस्तानी वीज़ा प्राप्त करना अनिवार्य है।

सुरक्षा अनुमति: पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों में यात्रा के लिए अतिरिक्त सुरक्षा स्वीकृति की आवश्यकता हो सकती है। यात्रा से पहले पाकिस्तानी अधिकारियों से जानकारी अवश्य लें।

यात्रा एजेंसियाँ: पाकिस्तान में सिख तीर्थयात्राओं का अनुभव रखने वाले अधिकृत टूर ऑपरेटरों के माध्यम से यात्रा की व्यवस्था करना अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित रहता है।

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