गुरुद्वारा जन्म स्थान, श्री ननकाना साहिब

गुरुद्वारा जन्म स्थान, जिसे गुरुद्वारा ननकाना साहिब भी कहा जाता है, श्री गुरु नानक देव जी के पवित्र जन्म स्थान के रूप में जाना जाता है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित ननकाना साहिब नगर—जो लाहौर से लगभग 65 किलोमीटर दूर है—ऐतिहासिक राय भोई की तलवंडी गाँव की उसी भूमि पर बसा है, जहाँ 1469 में गुरु नानक देव जी का जन्म माता तृप्ता और मेहता कालू जी के घर हुआ था। बाद में इस नगर का नाम गुरु नानक जी के सम्मान में ननकाना साहिब रखा गया।

यह पवित्र गुरुद्वारा क्षेत्र के नौ ऐतिहासिक गुरुद्वारों में सबसे प्रमुख है। ये सभी गुरुद्वारे गुरु नानक देव जी के प्रारंभिक जीवन से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं को समर्पित हैं। विशेषकर गुरु नानक गुरपुरब जैसे महत्त्वपूर्ण अवसरों पर यह स्थान विश्वभर से आने वाले लाखों श्रद्धालु यात्रियों को आकर्षित करता है।

समर्पण और श्रद्धा के साथ संजोया गया गुरुद्वारा जनम स्थान, सिखों के लिए आध्यात्मिक केंद्र के रूप में अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। यह स्थान सिख धर्म की शुरुआत और गुरु नानक देव जी के सार्वभौमिक सत्य, समानता और करुणा के संदेश का प्रतीक माना जाता है।

गुरुद्वारा जन्म स्थान पहुँचने के लिए आप अपनी सुविधा और स्थान के अनुसार विभिन्न यातायात साधनों का उपयोग कर सकते हैं। नीचे प्रमुख विकल्प दिए गए हैं:

सड़क मार्ग से: ननकाना साहिब सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। लाहौर, शेखूपुरा और फैसलाबाद से नियमित बसें और टैक्सियाँ उपलब्ध रहती हैं। लाहौर से एम-2 मोटरवे और शेखूपुरा रोड के रास्ते ननकाना साहिब पहुँचने में लगभग 1.5 से 2 घंटे का समय लगता है।

रेल मार्ग से: श्री ननकाना साहिब का अपना रेलवे स्टेशन है, ननकाना साहिब रेलवे स्टेशन। यह लाहौर, फैसलाबाद और कराची जैसे प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। स्टेशन से गुरुद्वारा कुछ ही दूरी पर है, जहाँ आप आसानी से रिक्शा या टैक्सी लेकर पहुँच सकते हैं।

वायु मार्ग से: सबसे नजदीकी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लाहौर का अल्लामा इक़बाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो ननकाना साहिब से लगभग 65 किलोमीटर दूर स्थित है। हवाई अड्डे से आप टैक्सी या स्थानीय परिवहन लेकर मुख्य हाईवे के रास्ते ननकाना साहिब पहुँच सकते हैं। यह यात्रा सामान्यतः 1 से 1.5 घंटे में पूरी हो जाती है, ट्रैफिक के अनुसार समय थोड़ा बदल सकता है।

भारत से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए: भारतीय सिख यात्री गुरु नानक गुरपुरब जैसे विशेष अवसरों पर पाकिस्तान-भारत तीर्थयात्रा समझौते के तहत यहाँ आ सकते हैं। इन समूहों की व्यवस्था आमतौर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) और पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (PSGPC) द्वारा की जाती है, जिसमें वीज़ा और आवश्यक परमिट शामिल होते हैं।

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